Add To collaction

मुझे तुम याद करना

आज दिनांक २२.७.२३ को प्रदत्त स्वैच्छिक विषय पर मेरी प्रस्तुति
प्रतियोगिता वास्ते
मुझे तुम याद करना और मुझे मत याद आना तुम,
रातों याद आ कर के मेरी  नीदें न चुराना तुम।

तुम्हारी यादों ने आ कर मुझको बहुत रुलाया है,
दूर रह कर अब अय दोस्त ,मुझको न रुलाना तुम।

गुज़ारा है जमाना जो  वो तेरे साथ दिलकश था,
क़िस्मत मे नही क़ुर्वत तो अब मुझको न सताना तुम।

तन्हाई बख़्श दी तुमने बहुत है ये इनायत तेरी,
तन्हाई  भरे  मेरे दिल मे हलचल न मचाना तुम।

वो शामे गुनगुनाती थीं और रातें रंगी होती थीं,
भूलना चाहती हूं उनको अब याद भी न दिलाना तुम।

दुआ है नयी ज़िन्दगी में हमेशा तुम ख़ुश ख़ुश रहना,
न मेरे लिए दुआ करना न कोई पछतावा करना तुम।

आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़

   9
5 Comments

Gunjan Kamal

28-Jul-2023 07:15 AM

बहुत खूब

Reply

Milind salve

25-Jul-2023 04:22 AM

Nice

Reply

RISHITA

23-Jul-2023 12:26 PM

Very nice

Reply